कलचुरी कालीन जल संरचनाएँ
January 25, 2025चंदेल कालीन जल संरचनाएँ
January 25, 2025दाँगी जाति, यादवों की ही एक शाखा कही जा सकती। डाँग (जंगल) में रहकर पशु पालन करने के कारण यह डाँगी कहलाते थे। हिन्दी के मुख-सुख प्रवृत्ति का शिकार होकर डाँगी शब्द दाँगी के रूप में परिवर्तित होकर प्रचलित हो गया। सागर से 10 कि.मी. सागर-ललितपुर मार्ग पर स्थित गढ़पहरा को दाँगी सरदार निहाल सिंह ने अपनी राजधानी बनाकर स्वतंत्र राज्य स्थापित कर लिया था।
'गढ़पहरा का तालाब
गढ़पहरा यहाँ पहाड़ी पर सुंदर किला है। किला के नीचे उत्तरी-पूर्वी किनारे पर एक तालाब है, जिसे मोती सागर कहा जाता है।’ (बुंदेलखंड के तालाबों एवं जल प्रबंधन का इतिहास, पृ. 89-90)
'गढ़ोला तालाब
यहाँ एक बड़ा तालाब है। यह लगभग 75 एकड़ क्षेत्र में फैला है, जो दाँगियों का बनवाया हुआ है।’ (वही, पृष्ठ 90)
'जैसीनगर तालाब
जयसिंह नगर गढ़पहरा के दाँगी राजा जयसिंह ने बसाया था। उन्हीं दाँगी राजा जयसिंह ने यह तालाब गाँव के जननिस्तार हेतु बनवाया था।’ (वही, पृ. 90)