ईसा पूर्व की जल संरचनाएँ
January 25, 2025कलचुरी कालीन जल संरचनाएँ
January 25, 2025बहोरीबंद – ‘ग्राम के उत्तर में एक तालाब है, जिसके दक्षिणी-पश्चिमी कोने पर प्राचीन मंदिरों के चिन्ह मिले हैं। इन मंदिरों का निर्माण गुप्त शैली का है।’ (जबलपुर जिला गजेटियर, पृष्ठ 641)
जबलपुर – ‘हनुमानताल सबसे प्राचीन सरोवर है। ईसा की तीसरी शताब्दी के आसपास इस तालाब का निर्माण सातवाहनों के प्रवंश पर प्रतिहार रानी मक्रमालिनी ने कराया था। इसका पुराना नाम मक्र सरोवर या मकरी सरोवर पड़ा। पहले क्षेत्रफल बहुत बड़ा था। (मध्यप्रदेश संदेश वर्ष 105, अंक 6, पृ. 11)
सीरोन खुर्द में स्थित प्राचीन बावड़ी प्रतिहारकालीन है। यथा – Sriram Khurd. A buole (960-1025) ruler of Kanraj (903-968AD) झाँसी जिला गजेटियर, पृ. 362)
‘चंदेरी में जैत्रवर्मन का बत्तीस पंक्तियों का संस्कृत भाषा में एक शिलालेख है, जिसमें प्रतिहार वंश की वंशावली दी गई है। इसमें प्रतिहार शासक कीर्तिपाल द्वारा चंदेरी में कीर्तिदुर्ग, कीर्तिसागर और कीर्तिस्मारक के निर्माण का उल्लेख है। (पुरातत्व धरोहर, चंदेरी, पृ. 88
जसो राज्य में कुठारागढ़ के बाहर और नचना की तलाई ग्राम के निकट एक विशाल स्वतंत्र शिलालेख पर उत्कीर्ण
देवसेन का बोराले शिलालेख
प्रस्तुत लेख का प्रयोजन बाकाटक राजा देवसेन के आज्ञाकारी सेवक आर्य (सच्छोल) स्वामिल्ल देव (वारालोमे) समस्त प्राणियों के हित के लिये सुदर्शन नामक एक तालाब के निर्माण का उल्लेख है। लेख के अंत में यह इच्छा व्यक्त की गई है कि – ‘जब तक चन्द्र, सूर्य एवं पृथ्वी विद्यमान रहें, तब तक यह उत्कृष्ट सरोवर परमेश्वर की कृपा से सबके उपयोग के लिये स्थिर रहे।’ अंत में सरोवर के कर्मोपदेष्टा (अधीक्षक) नाते बप्पक का नाम आया है।’ (डॉ. वासुदेव विष्णु मिराशी-वाकाटक राजवंश का इतिहास तथा अभिलेख, पृ. 289)
‘उसके पिता व्याघ्र का राज्यकाल गुप्त संवत् 150 से 170 अथवा सन् 470 से 490 ई. तक निश्चित होता है।’ (वही, पृ. 238)