बहोरीबंद – ‘ग्राम के उत्तर में एक तालाब है, जिसके दक्षिणी-पश्चिमी कोने पर प्राचीन मंदिरों के चिन्ह मिले हैं। इन मंदिरों का निर्माण गुप्त शैली का है।’ (जबलपुर जिला गजेटियर, पृष्ठ 641)
जबलपुर – ‘हनुमानताल सबसे प्राचीन सरोवर है। ईसा की तीसरी शताब्दी के आसपास इस तालाब का निर्माण सातवाहनों के प्रवंश पर प्रतिहार रानी मक्रमालिनी ने कराया था। इसका पुराना नाम मक्र सरोवर या मकरी सरोवर पड़ा। पहले क्षेत्रफल बहुत बड़ा था। (मध्यप्रदेश संदेश वर्ष 105, अंक 6, पृ. 11)
सीरोन खुर्द में स्थित प्राचीन बावड़ी प्रतिहारकालीन है। यथा – Sriram Khurd. A buole (960-1025) ruler of Kanraj (903-968AD) झाँसी जिला गजेटियर, पृ. 362)
‘चंदेरी में जैत्रवर्मन का बत्तीस पंक्तियों का संस्कृत भाषा में एक शिलालेख है, जिसमें प्रतिहार वंश की वंशावली दी गई है। इसमें प्रतिहार शासक कीर्तिपाल द्वारा चंदेरी में कीर्तिदुर्ग, कीर्तिसागर और कीर्तिस्मारक के निर्माण का उल्लेख है। (पुरातत्व धरोहर, चंदेरी, पृ. 88
जसो राज्य में कुठारागढ़ के बाहर और नचना की तलाई ग्राम के निकट एक विशाल स्वतंत्र शिलालेख पर उत्कीर्ण
देवसेन का बोराले शिलालेख
प्रस्तुत लेख का प्रयोजन बाकाटक राजा देवसेन के आज्ञाकारी सेवक आर्य (सच्छोल) स्वामिल्ल देव (वारालोमे) समस्त प्राणियों के हित के लिये सुदर्शन नामक एक तालाब के निर्माण का उल्लेख है। लेख के अंत में यह इच्छा व्यक्त की गई है कि – ‘जब तक चन्द्र, सूर्य एवं पृथ्वी विद्यमान रहें, तब तक यह उत्कृष्ट सरोवर परमेश्वर की कृपा से सबके उपयोग के लिये स्थिर रहे।’ अंत में सरोवर के कर्मोपदेष्टा (अधीक्षक) नाते बप्पक का नाम आया है।’ (डॉ. वासुदेव विष्णु मिराशी-वाकाटक राजवंश का इतिहास तथा अभिलेख, पृ. 289)
‘उसके पिता व्याघ्र का राज्यकाल गुप्त संवत् 150 से 170 अथवा सन् 470 से 490 ई. तक निश्चित होता है।’ (वही, पृ. 238)
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।