
भूमि एवं प्रमुख उपजें
September 16, 2024
परिवहन के साधन
September 16, 2024भूमि के भीतर से बहुत सी वस्तुएँ खोदकर निकाली जाती है। जिनको ‘खनिज’ कहते है। जिस जगह से निकाली जाती है, उसे ‘खान’ या ‘खदान’ कहते हैं। उद्योग धन्धों का विकास खनिजों पर भी निर्भर है। जनपद की भूमि का अध्ययन करने से हमें ज्ञात है कि यहाँ एक तिहाई भूमि पर ही खेती होती है। प्रश्न उठता है कि क्या शेष भूमि अनुपयोगी हैं। नही शेष भूमि खनिज वन सम्पदा एवं उद्योग की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। जनपद ललितपुर में शीशा, यूरेनियम जैसे खनिज मिलने की प्रबल सम्भावनाएँ है।
जनपद के महरौनी विकास खण्ड के ग्राम पठा में वर्षो पूर्व सोने की खान थी व वहीं उसकी एक फैक्ट्री लगी हुई थी जिसके अवशेष आज भी मौजूद है एक अभी 60-70 वर्ष पूर्व पुनः प्रयास किया गया था, किन्तु लागत अधिक होने से यह प्रयास असफल रहा। जनपद में खनिजों का विवरण निम्नानुसार है- .
राक फास्फेट
जनपद के दक्षिण में मड़वरा तहसील में सौरई एवं पिसनारी ग्राम के पास राक फास्फेट नामक खनिज निकाला जा रहा है।
सीसा
यह एक महँगा खनिज है। यह खनिज ललितपुर, महरौनी, मार्ग पर महरौनी विकास खण्ड के समोगर नामक ग्राम में मिलने की सम्भावनाएँ है।
यूरेनियम
यूरेनियम जैसे महँगें खनिज का जनपद के दक्षिण में मड़ावरा तहसील के सौरई नामक स्थान पर पता लगा है।
पर्तोदार इमारती पत्थर
जनपद के धौर्रा, जाखलौन, बालावेहट, मदनपुर, परना, पारौल, में इमारती पत्थर प्राप्त होता है, जिसका उपयोग गिट्टी, चौकोर पत्थर, लम्बी फर्शी पत्थर, एवं मूर्ति एवं सजावटी सामान बनाने में भी होता है, इस पत्थर को रेलमार्ग द्वारा देश के कोने-कोने तक भेजा जाता है।
गोरा पत्थर
जनपद के पूरब में वार विकास खण्ड के कैलगवां नामक ग्राम में गोरा पत्थर निकाला जा रहा है। इसका उपयोग बाहर भेजने के अलावा मूर्ति, सजावट का सामान आदि बनाने में हो रहा है तथा गोरा पत्थर के वर्तन भी बनाये जाते हैं।
ग्रेनाइट
जनपद के जखौरा विकास खण्ड में काला पहाड़ पर ग्रेनाइट पत्थर अत्यधिक मात्रा में निकाला जा रहा है तथा जनपद में लगभग हर जगह उत्तम किस्म का ग्रेनाइट पत्थर पाया जाता है यह पत्थर देश एवं विदेश को भी भेजा जा रहा है। इस पत्थर से ललितपुर की पूरे भारत में एक नई पहचान बनी है।