छतरपुर – परमार ‘ग्वाल मगरा तालाब – यह तालाब भी आधुनिक (परमार शासनकालीन) है, जो निस्तारी सुन्दर तालाब है।’ (बुंदेलखंड के तालाबों एवं जल प्रबंधन का इतिहास, पृ. 67)
‘प्रताप सागर तालाब का निर्माण छतरपुर के राजा प्रताप सिंह ने सन् 1846 ई. में बनवाया था।’ (वही, पृ. 67)
‘किशोर सागर तालाब भी राजा प्रतापसिंह ने बनवाया था। यह तालाब पन्ना के राजा किशोर सिंह के नाम पर बनवाया गया था। राजा प्रताप सिंह (1816-54) पन्ना के राजा किशोर सिंह के संरक्षक सन् 1832 ई. में बनाये गये थे।’ (वही, पृ. 67)
परिहार
‘ध्रुव सागर (धुवेला) मऊ महेबा-धुवेला तालाब का प्राचीन नाम ध्रुव सागर कहा जाता है। बुंदेलखंड गजेटियर पृ. 5 (छतरपुर) पर उल्लिखित है कि मऊ सहनिया परिहार राजा की राजधानी थी, यहाँ के राजा ध्रुव ने मऊ में अपने नाम पर ध्रुव सागर सरोवर का निर्माण कराया था। यह विशाल एवं मनोरम तालाब है।’ (वही, पृ. 69)
'कुठार तालाब
कुठार ग्राम अजयगढ़ परिक्षेत्र में है। यह प्राचीन धार्मिक सांस्कृतिक स्थल रहा है। कुठार में माहिल पड़िहार का बनवाया हुआ एक सुंदर चंदेली तालाब है। माहिल पड़िहार उरई का था तथा परमाल देव का साला एवं रानी मलना देवी का भाई था।’ (वही, पृ. 80)
'माहिल सागर, उई
चंदेल काल में उरई, पड़िहार सामंत माहिल का क्षेत्र था। माहिल महोबा के चंदेल राजा परमाल देव का साला था, जिसने उरई नगर के मध्य में झाँसी-कानपुर मार्ग पर अपने नाम से विशाल सरोवर बनवाया था।’ (वही, पृ. 118)
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।