स्थिति और विस्तार
September 16, 2024प्राकृतिक छटा
September 16, 2024देश के स्वतंत्र होने से पूर्व अपना देश आंचलिक खण्डों में बटा हुआ था, उस समय अपने जनपद का भू-भाग बुन्देलखण्ड के अन्तर्गत था। अपने देश को स्वतंत्र कराने में अपने जनपद का भी महत्वपूर्ण योगदान है। इनमें 1842 में हुए बुन्देला विद्रोह के प्रमुख सेनानी नाराहट ग्राम के जागीरदार मधुकर-शाह एवं 1857 की क्रांति के महानायक महाराजा मर्दन सिंह बानपुर प्रमुख हैं।
सन् 1947 के स्वतंत्रता आन्दोलन के प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं. नन्द किशोर किलेदार, बृज नन्दन शर्मा, शम्भुदयाल संज्ञा, डॉ. हरिराम चौबे, मर्दन लाल हरिजन, प्यारे लाल कुशवाहा, पं. मोती लाल अवस्थी, घनश्यामदास नाई, श्री मती केशरबाई, सुदामा प्रसाद गोस्वामी, राजाराम पाण्डे, खंजोले काछी, जंगी सिंह, गणेशप्रसाद स्वर्णकार, रतिराम हुण्डैत, बल्देव प्रसाद चौबे सहित सैकड़ों लोगों ने अपना तन मन, धन लगाकर देश को स्वतंत्र कराने में अपना योगदान दिया।
जनपद में कुछ क्षण ऐसे भी आये जब यहाँ की माटी अपने लालों के बलिदान से धन्य हुई इनमें है लान्सनायक अमर शहीद राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल महरौनी, अनुराग रावत व लाल सिंह यादव तालवेहट, चरन सिंह सौजना ने अपने प्राणों की आहुति से इसे गौरवान्वित किया। इस माटी के लाल अभिनेता और फिल्म निर्माण निर्देशक राजा बुन्देला, राकेश साहू, मदन लाल खुराना, अशोक देवलिया ने अभिनय के क्षेत्र में एक नई पहचान दी है।
जनपद में ऐसी महान विभूतियाँ उत्पन्न हुई हैं जो इतिहास के पन्नों में तो नहीं लेकिन व्यक्तित्व के धनी रहे और जिन्होंने अपने कृतित्व से समाज को एक नई प्रेरणा दी सर्व श्री डॉ. तारा चन्द्र चौधरी, डॉ. शादी लाल दुबे ललितपुर; इन्द्रपाल सिंह जू देव नन्हैराजा जाखलौन, दानवीर ऊदल सिंह बुन्देला, कुँवर सुजान सिंह बुन्देला डोंगंरा डॉ. किशोरी लाल राय, शिक्षक मदन मोहन नायक, गौरी शंकर त्रिपाठी, शिक्षाविद् हरगोविन्द पुरी गोस्वामी महरौनी, ठा. जाहर सिंह, ठा. वीर सिंह सिकरवार, रामकृष्ण पालीवाल, महरौनी ठा. गजराज सिंह सैदपुर शिक्षाविद् रघुनाथ सिंह मदनपुर, मोती लाल अवस्थी गुढ़ा ज्योतिषाचार्य पं. काशी प्रसाद द्विवेदी सैदपुर, पं. देवकी नन्दन मिश्र नन्दन नैनवारा।
साथ ही जिनके कृत्तित्व की छाँव में आज भी कुछ नया करने की प्रेरणा मिल रही है ऐसे कृतित्व के धनी शिक्षा विद् प्रताप सिंह परिहार, लखन लाल गोस्वामी गुढ़ा, प्राचार्य भगवान दास मिश्र जाखलौन, अबध विहारी कौशिक जयशंकर द्विवेदी, विद्यावाचस्पति पं. राम सेवक पाठक हरि किंकर तालवेहट, शंकर लाल तिवारी प्राचार्य कैलाश चन्द्र चौधरी, बहादुर सिंह ठा. भगवत सिंह अध्यात्म चेतना प्रेरक अनिल प्रकाश गोस्वामी, शिक्षक प्रेम नारायण नायक बाबू लाल नायक महरौनी विजय सिंह बाबू जी प्रबन्धक एम.एस.डी. आशाराम तिवारी कुरौरा गणेश प्रसाद दीक्षित सैदपुर…………आदि अपने कार्य के प्रति लगन और कर्तव्य निष्ठा के कारण आज भी अनुकरणीय कृतित्व हैं।
इसी तरह साहित्य के क्षेत्र में डॉ. कृष्णानन्द हुण्डैत ललितपुर, कारे वेग फकीर, लाला परमानन्द, कुंजविहारी सहाय, काशीनाथ तिवारी, शिखर चन्द्र मुफलिस, प्रोफेसर बिहारी लाल बबेले, प्रोफेसर भगवत नारायण शर्मा, पं. ओम प्रकाश शास्त्री, अवध विहारी कौशिक, मुरारी लाल जैन ललितपुर भगवती प्रसाद व्यास, भवानीप्रसाद कायस्थ, डॉ. गौरी शंकर उपाध्याय, श्रवण कुमार त्रिपाठी तालबेहट, पं. बाबूलाल द्विवेदी कुआगाँव छिल्ला माधौ सिंह सिंसोदिया, राजाराम साहू, ‘पींडित’, बालाराम नायक, ‘झंझट’ सुन्दर लाल सेन, प्रेम नारायण नायक ‘प्रेम’ प्रभुदयाल पटैरिया महरौनी बल्देव प्रसाद त्रिपाठी, रूप सिंह ठाकुर, जागेश्वर प्रसाद त्रिपाठी महरौनी तथा शिव नारायण पुरोहित ‘सुमन’, जीरोन निवासी माँ सरस्वती का भण्डार भर रहे हैं। साथ ही कविता के क्षेत्र में संजय पाण्डेय भारत महरौनी एवं साहबेन्द्र प्रताप सिंह ‘शशि’ वानपुर जनपद की वेटी अनामिका ”अम्बर” ललितपुर अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों में अपनी अलग पहचान बनाये हुए है।
अशोक शांडिल्य तालबैहट ने एशियाड में स्वर्ण पदक जीता, भूगर्भ वैज्ञानिक अरूण सर्राफ ने जिले का मान बढ़ाया है। शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक ठा. भगवत सिंह महरौनी, आदित्य नारायण तिवारी वाँसी, रूप नारायण मिर्चवारा तथा राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त शिक्षक राम सहाय रावत छायन, वेद प्रकाश श्रीवास्तव मड़ावरा, कृष्ण मुरारी उपाध्याय पठा, हृदयेश गोस्वामी महरौनी तथा ऋचा अग्रवाल, नेहा जैन, नीलम जैन ललितपुर आदि ने भी हमें गौरवान्वित किया है। ऐसा हमारा जनपद धन्य है जिस मिट्टी में ऐसे ललितपुरूष जन्म ले रहे है और ललित ऐसा नाम सार्थक कर रहे है।
शिक्षा
शिक्षा के क्षेत्र में जनपद विकासोन्मुख है, यहाँ –
राजकीय हाई स्कूल- 32
राजकीय इन्टर कालेज-07
वित्तीय सहायता प्रान्त इन्टर कालेज-01
वित्त विहीन मान्यता प्राप्त हाईस्कूल-20
वित्त विहीन मान्यता प्राप्त इन्टर कालेज-40
कुल विद्यालय – 110
प्राथमिक विद्यालय और पूर्व माघ्यमिक विद्यालय
केन्द्र सरकार द्वारा – 03
राजकीय विद्यालय – 1411
वित्तीय सहायता प्राप्त – 10
अन्य – 01
शासकीय मान्यता प्राप्त – 542
कुल विद्यालय – 1964
कार्यरत शिक्षक पूर्व माघ्यमिक विद्यालय
केन्द्र सरकार द्वारा – 96
शासकीय विद्यालयों द्वारा – 6013
वित्तीय सहयता प्राप्त – 123
अन्य – 03
मान्यता प्राप्त विद्यालयों – 3646
राजकीय विद्यालय – 5917
कुल शिक्षक – 9786
इनके अतिरिक्त जनपद में
राजकीय महाविद्यालय – 04
तकनीकी शिक्षा हेतु औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान – 016
राजकीय पोलीटैक्निक विद्यालय – 01
जवाहर नवोदय विद्यालय – 01
केन्द्रीय विद्यालय – 01
शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान (डाइड) – 01
साथ ही लगभग प्रत्येक गाँव में एक हजार की आबादी पर एक आँगनवाड़ी केन्द्र है जो शाला पूर्व शिक्षा का कार्य कर रही है। साथ ही समाज सेवी संस्थाएँ जैसे सहजनी शिक्षा केन्द्र भी शिक्षा की प्राप्ति के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत है। इनके साथ-साथ मान्यता प्राप्त महाविद्यालय औद्यौगिक प्रशिक्षण संस्थान भी लगभग प्रत्येक कस्बा स्तर पर कार्यरत हैं। महाविद्यालयों में बी.एड.,डी.एल.एड., बी फार्मा. डी. फार्मा, कृषि आदि के कोर्स हो रहे हैं।