खनिज-सम्पदा
September 16, 2024उद्योग धन्धे
September 16, 2024हम आप प्रतिदिन सड़कों पर मोटरकार, बस, ट्रक, मोटर साईकिल, ट्रैक्टर, टैम्पो स्कूटर तथा साइकिलें आदि देखते हैं। जहाँ लोहे की पटरियाँ बिछी होती हैं, उन पर रेलगाड़ियाँ चलती है। कच्ची सड़कों पर बैलगाड़ियाँ और घोड़ा गाडि़याँ चलती हैं। हम आप कभी-कभी आकाश में हवाई जहाज भी उड़ता हुआ देखते हैं तथा नदी तालाब आदि में नाव देखते हैं। यह हमारे यातायात के प्रमुख साधन हैं।
पहले केवल कच्ची सड़कें थी उन पर केवल बैलगाड़ियाँ और घोड़ा गाड़ियाँ ही चलती थी। धीरे धीरे पक्की सड़कें बनाना आरम्भ हुआ, और लोगों का आकर्षण बढ़ा और लोग गाँवों से पलायन करते गये और शहरों में बसते गये। इस प्रकार पक्की सड़कें बन जाने से वर्षा ‘जाड़ा’ गर्मी सभी ऋतुओं में आने जाने की सुविधा होने लगी। यातायात के साधनों में जनपद में दो प्रकार के यातायात के साधन उपलब्ध हैं-
- सड़कें (क) कच्ची सड़के (ख) पक्की सड़कें
- रेलमार्ग
सड़कें
इस जनपद में आने जाने के साधनों में सड़कों का स्थान प्रमुख है। जनपद में 752 कुल ग्राम जिसमें 61 निर्जन ग्राम है। आबाद ग्राम 691 है। आज लगभग सभी गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा जा रहा है। जनपद में पक्की सड़कों की कुल लम्बाई 1311 किलोमीटर है। शेष कच्ची सड़कें मुख्य भागों को जोड़ती हैं। जनपद के बीच से राष्ट्रीय राजमार्ग 26 गुजरता है, जिसकी लम्बाई 89 किलोमीटर है। जनपद में 835 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें है।
जनपद के अन्य मुख्य मार्ग निम्नलिखित है।
ललितपुर – महरौनी – टीकमगढ़ मार्ग
ललितपुर – महरौनी – मड़ावरा मार्ग
ललितपुर – मसौरा – सागर मार्ग
ललितपुर – बाँसी – तालबेहट – झाँसी मार्ग
ललितपुर – जेरोन – जाखलौन – देवगढ़ मार्ग
ललितपुर – दैलवारा – दैलवारा मार्ग
ललितपुर – महरौनी – मड़ावरा – धौरीसागर
ललितपुर – महरौनी – मड़ावरा – मदनपुर
ललितपु – महरौनी – मड़ावरा – गिरार
ललितपुर – जाखलौन – धौर्रा
ललितपुर – लाखलौन – देवगढ़
ललितपुर – रजवारा – वानपुर – टीकमगढ़
ललितपुर – महरौनी – सौजना
ललितपुर – विरधा – पाली
ललितपुर – तालवेहट – पूराकला
ललितपुर – तालवेहट – माताटीला
ललितपुर – रजवारा – वार मार्ग
ललितपुर – राजघाट – चन्देरी मार्ग
ललितपुर – महरौनी – गुढ़ा मार्ग
ललितपुर – महरौनी – नाराहट
ललितपुर – वानपुर – कैलगुवाँ
इनके अलावा कुछ कच्चे मार्ग हैं जो बहुत उपयोगी है तथा पक्के भागों में बदले जा रहे है, यह मार्ग गाँवों को जोड़ते हैं। वन विभाग द्वारा वनों की पैदावार एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाने के लिए कुछ सड़कें बनाई गई हैं। सिंचाई विभाग द्वारा भी प्रमुख बाँधों, तालाबों तक पहुँचने के लिए सड़कों का निर्माण किया गया है। इस जनपद में अधिकांश बसें निजी मोटर मालिकों द्वारा चलाई जाती हैं। कुछ मार्गों पर उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की भी बसें चलती हैं।
रेलमार्ग
जनपद में रेलमार्ग की शुरूआत सन् 01 जनवरी 1889 को भोपाल झाँसी रेललाइन शुरू होने से हुई थी। जनपद में रेलमार्ग 100 किलोमीटर है, भारत के उत्तर-दक्षिण को जोड़ने वाला मार्ग जनपद से गुजरता है। यह रेलमार्ग उत्तर की ओर झाँसी जंक्शन एवं दक्षिण की ओर बीना जंक्शन होकर भोपाल जाता है, जनपद में कुल 9 छोटी बडे़ स्टेशन है। यह तालबेहट, धोर्रा कस्बो से होकर जाता है। दूसरा ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन अभी खजुराहो तक शुरू हुई इस पर दो स्टेशन है। विरारी और उदयपुरा है। ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन का शिलान्यास माननीय प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी द्वारा खजुराहो में किया गया था, इसकी शुरूआत होने से जनपद में विकास की एक बड़ी क्रांति आने की संभावना है।