पुस्तक - बुन्देली व्यंजन - डॉ.बहादुर सिंह परमार
डॅा.हरी मोहन पुरवार उरई
- सतुआ ( सत्तू )
- बेसन के चीला
- तस्मई
- बिरचून
- मीठे बेर
- बेर नमकीन
- लटा
- मुरका
- इंदरसे
- मालपूआ
- मलाई पूड़ी
- चना महुआ
- निगौना
- बरा
- भंगरी
- घैगौ
- बुन्देली कुचौ
- बिजौरे
- जुंडी शोरबा
- औंरिया
- लप्सी-I
- लप्सी-II
- ज्वार की लप्सी
- सक्सा
- कनकउवा का साग
- मीठे चीला ( गेंहू के आटा के )
- माढ़े
- महेरी
- कौरी
- गेहूँ की कौरी
- फुलौरी
- बिड़ई
- श्री कंचन ( भुंजा )
- कुदवा का घोरूआ
- बफौरी की साग
- बटौनीय ( करारी कढ़ी )
- झरिया की कढ़ी ( झर कढ़ी)
- मीड़ा
- चौसेला
- ठडुला
- ज्वार के पापड़ (खीचला)
- खीच
- डुबरी
- लोल कुचइया
- सेव
- नमकीन खुरमा
- खुरमी
- मीठे कोरमा
- बेसन के लड्डू
- पूड़ी को हलवा
- सूजी का हलुआ
- कुमड़ खीर
- रसखीर
- बिर्रा रोटी
- चुनी की रोटी
- गकरियां
- कमल-ककड़ी कबाब
- गारमा
- पुआ
- गुलगुला
- तेली
- रसयावर
- मांगौरा
- महुआ की सब्जी
- आंवले कि सब्जी
- गनगौरा
- आसें
- अठवाई
- हरछठ ( लटा )
- जन्माष्टमी ( पंजीरी )
- सुटौरा
- गुजिया
- पपड़िया
- सूरा
- सुरा नमकीन
- लप्सी
- कुमड़ खीर
- मुकुट
- दरबाजा
- गेंद
- लोल कूचइया
- भिमगजा
- सिंदौरा -सिंदौरा
- मालपुआ
- कसाखाली गुजिया
- मोभोग
- तिल के लड्डू
- खुरमा
- धौंस की पपड़िया
- ठडुला
- सलौनी ( मटरी )
- बरुला नमकीन व मीठे
- नमकीन बरुला
- कालौनी
- माड़े
- गदा
- कचरियां
- फरा