सौजन्‍य - पं. ओमप्रकाश तिवारी

अथ शुभ चिन्तनीयम     

        मनुष्य स्वभाव से ही अपने चारों ओर के वातावरण को जानने का इच्छुक होता हैं। उसकी इच्छा और उत्सुकता की तृप्ति के लिए सामाजिक अध्ययन शिक्षण का महत्व है। यह शिक्षा अपने जनपद के अध्ययन से शुरू होती है। गृह जनपद के अध्ययन से वहाँ के निवासियों के प्रति प्रेम नम्र व्यवहार एवं दायित्व की शिक्षा मिलती हैं, जो क्रमशः राष्ट्रीय नागरिकता एवं विश्व बंधुत्व की भावना का विकास करती है। इसी लक्ष्य को केन्द्र में रखकर प्रस्तुत पुस्तक उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत नवीन पाठ्यक्रम के अनुरूप तैयार की गई है। इसमें कक्षा 3 के विद्यार्थियों को अपने जनपद का भौगोलिक व सामाजिक ज्ञान देने का प्रावधान है।

पुस्तक में ललितपुर जनपद की भू-रचना जलवायु, वनस्पति तथा पशुधन, खनिज सम्पदा, सिचांई तथा विद्युत सुविधाएं कृषि, उद्योग धन्धे जनपद की प्रशासनिक इकाईयाँ व जनपद के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल एवं वहाँ के निवासियों के बारे में विशद् जानकारी दी गई है, इसमें यथास्थल आवश्यक चित्र, मानचित्र आदि देकर वस्तुगत ज्ञान को आकर्षक, विषयोपयोगी और बालोपयोगी बनाया गया है। अध्यायों के अन्त में आवश्यक प्रश्न देकर बौद्धिक एवं व्यवहारिक ज्ञान को तार्किक और विश्वसनीय बनाया गया है।

जनपद स्तर पर इस तरह की पुस्तक की आवश्कता लम्बे समय से महसूस की जा रही थी, जिसकी पूर्ति हेतु यह पुस्तक प्रस्तुत की जा रही है। इसकी बढ़ती आवश्कयता की प्रतिपूर्ति हेतु पुस्तक का द्वितीय संस्करण प्रस्तुत है। पुस्तक संबंधी बहुमूल्य सुझावों के लिए हम कृतज्ञ रहेंगे। पुस्तक लेखन में मिले प्रत्यक्ष और परोक्ष सहयोग के लिए कृतज्ञ हूँ। पूज्यपाद शिव स्वरूप गुरूदेव आचार्य दुर्गाचरण शुक्ल जी को मार्गदर्शन हेतु शत-शत नमन।